Indian Mythology - माता दुर्गा की महिमा | नवरात्रि महोत्सव विशेश

जय माता दी! 
आज हम जानेंगे माता दुर्गा की शक्ति एवं महिमा को। नवरात्रि विशेष सप्ताह।


हम सब जानते है की यह सप्ताह विशेषरूप से दुर्गा माता जी के लिए समर्पित है। चूंकि यह विशेष सप्ताह नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है, हमे भी माता दुर्गा की महिमा का ज्ञान प्राप्त होना चाहिए। तो चलिए फिर, एक बार फिर अपने बुद्धि को प्रबुद्ध बनाने के सफर में।


नवरात्रि क्या है?
नवरात्रि एक विशेष हिंदू त्योहार है जो शरद ऋतु में मनाया जाता है। यह त्योहार विशेषकर हिंदू माता दुर्गा के लिए होता है। यह त्योहार कुल नौ दिनों तक मनाया जाता है और सभी लोग इस त्योहार को धूम धाम से मनाते है। माना जाता है, की जो भी माता दुर्गा से सच्ची भक्ति करता है, वह प्रभुद्ता एवं ज्ञान का सागर प्राप्त करता है। नवरात्रि हर साल भारत में सैंकड़ों करोड़ों की संख्या में भक्तो द्वारा मनाया जाता है!

नवरात्रि क्यों मनाया जाता है?
नवरात्रि मनाने जाने का कारण एक बहुत ही सुंदर कथा एवं माता रानी की महिमा है! तो आइए, जानते है! 
ये कहानी माता दुर्गा की एक दुष्ट राक्षस महिषासुर पे विजय प्राप्त करने की है।


महिषासुर को भगवान ब्रह्मा द्वारा एक वरदान प्राप्त था। वह वरदान था की उसका कोई भी वध नहीं कर सकता था, सिवाय एक औरत के। 
अहंकारी राक्षस को यह विश्वास हो गया था की अब वह अमर हो गया है।
उसको यह नहीं पता था की उसका यही अहंकार उसके मृत्यु का कारण बनेगा। यही सोच कर, उसने त्रिलोक पर हमला बोल दिया! यानी पृथ्वी, स्वर्ग और पाताल लोक में।
उसकी यह तबाही देख कर, कई देवताओं ने हजारों कोशिशें की, लेकिन महिषासुर को नही मार पाए। चूंकि, उसको यह वरदान था, कई देवता चिंतित हो उठे और इस समस्या का हल निकालने में जुट गए!
देवताओं की यह अवस्था देख, भगवान विष्णु ने एक फैसला किया। उन्होंने, एक अनोखी शक्तियों से भरपूर एक स्त्री को बनाया जो उस राक्षस को खत्म कर सके। और वह अनोखी शक्तियों से भरपूर माता थी माता दुर्गा!
भगवान शिव को तबाही का भगवान भी माना जाता है। पर वे है बहुत ही भोले और शक्तिशाली। इसीलिए तो उन्हे भोलेनाथ भी बोला जाता है। तो सभी देव, भगवान शिव से सहायता के लिए गए। फिर, तीनो देवताओं, ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश ने अपनी शक्तियां एक स्त्री में समर्पित करदी जिसका नाम था माता दुर्गा।
माना जाता है की माता दुर्गा, माता पार्वती, जोकि भगवान शिव की पत्नी है, उनका एक अवतार है।
जब आखिरकार हमारे संसार में माता दुर्गा जैसी शक्तिशाली माता ने जन्म लिया, तब उन्होंने, महिषासुर से पूरे पंद्रह दिनों तक युद्ध किया!
युद्ध के दौरान, महिषासुर ने कई अलग अलग रूप लिए ताकि वह माता दुर्गा का ध्यान भटका सके। अंत में, जब उसने एक भैंस का रूप लिया, तब माता रानी ने इसके छाती अपने त्रिशूल से छेद दिया! और उसी प्रकार उस दुष्ट राक्षस की मृत्यु हुई!
जय माता रानी की जिन्होंने यह कर दिखाया!


नवरात्रि में क्या होता है?
नवरात्रि के हर दिन माता दुर्गा के अलग अलग अवतारों की पूजा की जाती है!
पहले दिन पर, माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
फिर दूसरे दिन पर, माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
उसके बाद, तीसरे दिन, माता चंद्रघंटा का पूजन होता है।
चौथे दिन पर, माता कुष्मांडा की पूजा होती है!
और, पांचवे दिन पर, माता स्कंदमाता की पूजा होती है।
छठे दिन पर, माता कात्यायनी की धूम धाम से पूजा होती है।
सातवे दिन पर, माता कालराती की पूजा होती है।
फिर, आठवें दिवस पर, माता महागौरी का पूजन होता है।
और अंत में, नौवे दिन पर, माता सिद्धिदात्री की पूजा करोड़ों की संख्या की भक्तो द्वारा की जाती है!!


माता दुर्गा की महिषासुर पे विजय प्राप्त करना सच्चाई की बुराई पे जीत को दर्शाती है। जोकि आज भी करोड़ों भारतीयों को प्रेरणा देती है। कई जगहों पर, लोग व्रत रखते है। और अंतिम दिन के पूजन के बाद, के उसे तोड़ देते है! क्या अद्भुत कहानी देखी हमने आज!


तो आशा करता हूं, की आज आपने जरूर कुछ नया सिखा और माता रानी से प्रेरणा ली। इसी उम्मीद के साथ जोर से बोलिए, "जय माता दी"!।
तो आज के लिए बस इतना ही, अगर आपको ऐसे ही और रोचक जानकारी प्राप्त करना है (हिंदी में) तो कृपया कॉमेंट में अवश्य लिखे।

इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा अपने रिश्तेदारों के साथ शेयर करिएगा।

धन्यवाद पढ़ने के लिए!
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3 Comments

  1. कृपया शेयर करे। मुझे आशा है की यह ज्ञान आपको अच्छा लगा। धन्यवाद।

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  2. Replies
    1. Thank you for your comment. I am glad you understood everything. aur hindi likhit posts jald hi ane wale hai!

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