जय माता दी! आज हम जानेंगे की आखिर मंदिरों में घंटियां क्यों होती है?
हम सबने कभी न कभी मंदिरों में घंटियां जरूर बजाई होंगी! हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार मंदिरों में घंटियां देवी–देवताओं में चेतना लाने के लिए बजाए जाते है। आप अगर किसी से भी यह प्रश्न करे, तो आपको ज्यादातर लोग यह कहेंगे की मंदिरों में घंटियों को बजाने से ईश्वर जाग जाते है और आपकी प्रार्थना को सुन लेते है। बड़े बड़े घंटे–घंटियां मंदिरों में हर ईश्वर के स्थान ग्रह पर स्तिथ होती है।
घंटी बजाने से पूजा का प्रभाव बढ़ जाता है । घंटी बजाने से देवताओं के समक्ष आपकी हाजिरी लग जाती है। स्कंद पुराण के मुताबिक घंटी से जो ध्वनि निकलती है, वह 'ॐ' की ध्वनि के समान होती है, इसलिए माना जाता है कि जब कोई मंदिर में घंटी बजाता है तो उसको 'ॐ' उच्चारण के समान पुण्य प्राप्त होता है। पर क्या आपको इसके पीछे का असली विज्ञान एवं तर्क मालूम है? आइए जानते है साइंस ऑफ बेल वाइब्रेशन।
घंटियों का आकार बड़ा ही अनमोल है। ऊपर से नीचे तक आते आते चौड़ा होता है। अंदर से खोखला परंतु एक गोलाकार वस्तु जो की एक धातु है। वह जब घंटे के दीवार से टकराता है, तब एक अनोखी ध्वनि का उत्पादन होता है! इस ध्वनि की एक बहुत ही खास बात है। अगर आप विज्ञान में रुचि रखते है, तो आपको वाइब्रेशन का अर्थ मालुम होगा। वाइब्रेशन का अर्थ होता है कंपन यानी किसी चीज से बार बार गति या फिर ध्वनि का उत्पादन होना।
तो फिर, जब आप बेल बजाते हो, तो वह वाइब्रेशन आपके आसपास के जगहों में फैल जाता है, है ना? और इसी घंटे के वाइब्रेशन या ध्वनि से आपका मन साफ होता है। कहने का मतलब यह है कि जब भी आप घंटी बजाते हो तब जो ध्वनि उससे उत्पन्न होती है, आपके मन को इकदम ध्यान अवस्था में ले आती है। आपका कंसंट्रेशन या फिर एकाग्रता बढ़ता है।
घंटियों को इस प्रकार बनाया जाता है की वह आपके दिमाग में स्थित अमूल्य हिस्सो को जोड़ देता है जब आप उसे बजाते है। और एक बात आप को जान लेनी चाहिए की घंटी का असर सिर्फ असल जिंदगी में होता है। मतलब आप अगर घंटियों की ध्वनि अपने मोबाइल पे सुनते है तो वह असली सार या तत्व नहीं दे पाता है। आपका मन, दिमाग "एनलाइटेन" तभी होगा जब आप असली में घंटी को सुनेंगे।
घंटी की ध्वनि सुनने के लिए ऊपर दिए गए वीडियो को दबाये
जब भी आप घंटी बजाते हो, तब जो ध्वनि उससे निकलती है, वह कम से कम ७ (सात) सेकेंड तक वाइब्रेट होती है। और कई आध्यात्मिक वैज्ञानिक यह मानते है की इन सात सेकेंड में घंटी की ध्वनि आपके शरीर में मौजूद सात चक्र को मिलाती है, जोड़ती है, एक प्वाइंट पे कनेक्ट करती है।
और यही कारण है मित्रो की मंदिरों में घंटियां क्यों होती है। ये ऐसे ही सिर्फ बजाने के लिए नहीं होता है, इसके पीछे एक अमूल्य कारण होता हैं जो की आज आप जान चुके हो! तो उम्मीद करता हु की आपको आज का यह लेख लाभदायक लगा होगा। ऐसे ही और रोचक "हिंदी" लेखों के लिए हमे फॉलो अवश्य करे और कॉमेंट करके भी बताए की आपको यह जानकारी कैसी लगी!
बहुत बहुत धन्यवाद! आप सबको हमारी तरफ से शुभ दीपावली की ढेरो बधाइयां! जय माता दी!
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Nice
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद!
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